" टूटा हुआ दिल "
16 - 18 Apr. 1998
टूटा हुआ दिल और अधुरा ख़वाब |
वक़्त से पहले आ गया था शबाब ||
फूलों की चाह, घायल तो होना था,
रंगीनियों में काँटों को भूल गए आप |
दिल में इस तरह रखा है तुझे,
सूखे फूल संभालें जैसे पुरानी किताब |
आपकी क्या खता, ख़ुद दीवाने हो गए,
हज़ारों सितारें, एक अकेला महताब |
हमें तो बस आपका दीवाना होना था |
फिर क्या हकीक़त और क्या ख़वाब ||
-अर्पण
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" सपनों का बिखरना "
( 14 March 2000 )
दिल में ज़ख्मों का मेला सा होता है |
सपनों का बिखरना कुछ ऐसा होता है ||
कैसे कोई अचानक यूँ बदल जाता है,
जन्मों का रिश्ता पल में बदल जाता है,
सचमुच परिवर्तन दुनिया का दस्तूर है,
बदलते मौसम में हर कोई बदल जाता है|
बदलता मौसम कुछ तेरे जैसा होता है |
सपनों का बिखरना कुछ ऐसा होता है ||
जो भी लम्हे हमनें प्यार में बिताये है,
पहलें यादें थी, अब यादों के साये है,
मैं वादे लेता था जन्मों के उससे,
जो कुछ पल भी साथ न रह पाये है |
जन्मों का साथ जाने कैसा होता है |
सपनों का बिखरना कुछ ऐसा होता है ||
सुना है ये कुदरत का नियम है,
सूरज दिन में, चाँद रात में निकलता है,
मगर कुछ ऐसे भी बदनसीब है,
जिनका सूरज भी रात में निकलता है,
वो नहीं जानते दिन कैसा होता है |
सपनों का बिखरना कुछ ऐसा होता है ||
गहराई में जाकर सच्चे मोती मिलते है,
मिट्टी में मिलकर ही अंकुर फूटते है,
आप किनारे पे खड़े रहकर,किनारा कर गए,
डूबने वाले तुझे अब भी पुकारा करते है |
साहिल पर डूबने का दर्द जैसा होता है |
सपनों का बिखरना कुछ ऐसा होता है ||
-अर्पण
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