जाने क्यों आज रो रहा है बादल |
शायद किसी को याद कर रहा है बादल ||
हर गिरती बूँद में इक आह छुपी है,
महसूस कर रहा है मेरा दिल पागल |
रूदन रक्स करती ठहरे हुए पानी में,
कर रही है बूँदें मेरे दिल को घायल |
कोई अंगार पर, कोई खार पर,
हर बूँद को नही मिलता धरती का आँचल |
तेरे प्यार को, तेरे प्यार की कद्र है,
तू, फिर क्यों रो रहा है पागल बादल ||
--- "अर्पण" (13 jan. 2000)
शायद किसी को याद कर रहा है बादल ||
हर गिरती बूँद में इक आह छुपी है,
महसूस कर रहा है मेरा दिल पागल |
रूदन रक्स करती ठहरे हुए पानी में,
कर रही है बूँदें मेरे दिल को घायल |
कोई अंगार पर, कोई खार पर,
हर बूँद को नही मिलता धरती का आँचल |
तेरे प्यार को, तेरे प्यार की कद्र है,
तू, फिर क्यों रो रहा है पागल बादल ||
--- "अर्पण" (13 jan. 2000)
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