तुमने मेरी ज़िन्दगी में,
कदम क्या रखा,
मेरी सभी गमों की,
खुशियों से,
अच्छी-खासी दोस्ती हो गई है|
मेरे होश-ओ-हवास भी,
जब-तब इनकी,
बातचीत में शामिल हो जाते है,
अजीब सी हालत हो गई है,
ख़ुद अपनी ही आवाज़,
मुझे सुनाई नहीं देती,
ऐसी तन्हाई मिली है तुमसे,
जो किसी को तन्हाई भी नहीं देती,
रात-रात भर सितारों से,
तुम्हारे बारे में बातें करता हूँ,
सुबह-सुबह रश्मि भी आकर,
सबसे पहले,
तुम्हारे बारे में पूछती है,
चाँद तो पता नहीं क्यूँ,
आजकल,
नाराज़ सा रहता है मुझसे,
शायद जलता है तुमसे,
अभी तो तुम, सिर्फ,
मेरी तरफ बढ़ रहे हो,
तो ये हालत है,
जब तुम मेरे बिल्कुल क़रीब होगी |
उस दिन मेरी क्या हालत होगी ||
-अर्पण ( 18 july 1999)
कदम क्या रखा,
मेरी सभी गमों की,
खुशियों से,
अच्छी-खासी दोस्ती हो गई है|
मेरे होश-ओ-हवास भी,
जब-तब इनकी,
बातचीत में शामिल हो जाते है,
अजीब सी हालत हो गई है,
ख़ुद अपनी ही आवाज़,
मुझे सुनाई नहीं देती,
ऐसी तन्हाई मिली है तुमसे,
जो किसी को तन्हाई भी नहीं देती,
रात-रात भर सितारों से,
तुम्हारे बारे में बातें करता हूँ,
सुबह-सुबह रश्मि भी आकर,
सबसे पहले,
तुम्हारे बारे में पूछती है,
चाँद तो पता नहीं क्यूँ,
आजकल,
नाराज़ सा रहता है मुझसे,
शायद जलता है तुमसे,
अभी तो तुम, सिर्फ,
मेरी तरफ बढ़ रहे हो,
तो ये हालत है,
जब तुम मेरे बिल्कुल क़रीब होगी |
उस दिन मेरी क्या हालत होगी ||
-अर्पण ( 18 july 1999)
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